12th ke bad Software Engineer kaise bane in Hindi: जाने पूरी जानकारी!

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12th ke bad Software Engineer kaise bane: सॉफ्टवेयर इंजीनियर आज के युग में एक आकर्षक करियर विकल्प है। इंटरनेट स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के साथ-साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की मांग भी बढ़ गई है। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि 12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? और अपने करियर की शुरुआत कैसे करें?

12th ke bad Software Engineer kaise bane in Hindi

12वीं करने के बाद हर कोई अपना कैरियर बनाना चाहता है चाहे वह online में या फिर किसी ofline में, तो ऐसे में 12वीं करने के बाद Software engineer बनने के लिए आप कंप्यूटर साइंस से सॉफ्टवेयर इंजीनियर में बैचलर्स डिग्री का पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। इसके लिए एक प्रसिद्ध कॉलेज या विश्वविद्यालय को चुनना होगा। जावा, पाइथन, या C++ जैसे प्रोग्राम भाषाओं को सीखने पर ध्यान केंद्रित करें। इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें। तो आइए अब हम सीखते हैं कि 12th ke bad Software Engineer kaise bane?

सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या है? What is Software Engineer?

Software engineer कंप्यूटर गेम बिजनेस एप्लीकेशन, ऑपरेटिंग सिस्टम, नेटवर्क कंट्रोल सिस्टम और मिडिलवेयर को डिजाइन और विकसित करने का काम सॉफ्टवेयर इंजीनियर का होता है।

12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए योग्यता

बहुत से स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो की 12वीं में फेल हो जाते हैं, तो ऐसे में 12वीं फैल स्टूडेंट क्या करें?

  • Software engineer बनने के लिए आपका इंग्लिश और गणित अच्छा होना चाहिए।
  • इस कोर्स में आपको सॉफ्टवेयर डिजाइन, विकास, टेस्टिंग और इंप्लीमेंट्स की तकनीक का ज्ञान होगा
  • डाटाबेस मैनेजमेंट कोर्स आपको डाटाबेस डिजाइन और व्यवस्थापन की तकनीक का ज्ञान प्रदान करेगा
  • वेब डेवलपमेंट कोर्स में आपको वेबसाइट डिजाइन, Game Developer, फ्रंट एंड बैक डिजाइन और वेब एप्लीकेशन बनाने की तकनीकी का ज्ञान मिलेगा।
  • कंप्यूटर में इंटरेस्ट के साथ-साथ कंप्यूटर की भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए। अगर यह सब योग्यता है तो आप आसानी से सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं।
  • Software engineer  बनने के लिए कंप्यूटर में आपका इंटरेस्ट होना चाहिए।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कितने साल पढ़ाई करनी पड़ती है?

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में 4 साल लगते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को पूर्ण होने में लगभग 4 साल लगते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कोर्सेज

  • बीटेक बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
  • बीटेक इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
  • बीटेक इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
  • बीएससी इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
  • बीएससी इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
  • बीसीए बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन
  • बीएससी बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर साइंस
  • पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कंप्यूटर साइंस

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोर्स फीस क्या है?

भारत में टॉप कॉलेज के लिए निर्धारित सॉफ्टवेयर इंजीनियर की फीस

University Annual Tuition Fee (INR)
Delhi Technical University 7.81 Lakh
IIT Mumbai 8.46 Lakh
IIT Hyderabad 8.88 Lakh
IIT Delhi 8.40 Lakh
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य

12th ke bad software engineer kaise bane

  • Software engineer का काम अपने दस्तावेजों के संचालन से शुरू होता है जो उनके द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की विभिन्न विशेषताओं को विस्तृत रूप से वर्णन करते हैं। इसके बाद वह सॉफ्टवेयर के निर्माण और प्रबंधन से जुड़े विभिन्न कार्यों को संभालते हैं।
  • सॉफ्टवेयर में किसी भी तरह की कोई खराबी आ जाती है तो उसमें से बग्स को ढूंढ कर उन्हें ठीक करना Software engineer का काम होता है ताकि सॉफ्टवेयर की परफॉर्मेंस को सुधारा जा सके।


  • अगर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का यह लगे की किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को अपडेट करने की आवश्यकता है तो उसे अपडेट करने का काम भी करता है।


  • सॉफ्टवेयर डिजाइन करना और कोड लिखना।
  • दृष्टिकोण के आधार पर सॉफ्टवेयर की आवश्यकताओं को समझना।
  • सॉफ्टवेयर के अवलोकन और निर्धारण करना।
  • सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करना और बग्स को दूर करना।
  • सॉफ्टवेयर के निर्माण के लिए प्लान तैयार करना और समय सारणी बनाना।
  • सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ताओं के लिए रिलीज करना और उनसे फीडबैक लेना।
  • सॉफ्टवेयर को अपग्रेड और अनुरूपता बनाए रखना।

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सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैलेरी

  • किसी भी Software engineer की सैलरी इस बात पर तय होती है कि उसका टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर लैंग्वेज में ज्ञान कैसा है।
  • एक कंप्यूटर इंजीनियर की शुरुआती सैलरी कम से कम 20 से 40 हजार रुपए प्रति माह होती है।
  • दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में एक कंप्यूटर इंजीनियर को प्रतिमा है 45 से 50 हजार रुपए दिए जाते हैं।
  • एक एक्सपोर्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 70 से 80 लाख प्रति वर्ष सैलरी मिलती है।
  • भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की औसत सैलरी लगभग 3 लाख से 15 लाख तक है।
  • यह सैलरी किसी Software engineer के अनुभव और उसकी योग्यता के आधार पर होती है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए?

12वीं के बाद Software engineer बनने के लिए आप कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री का पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। इसके लिए एक प्रसिद्ध कॉलेज या विश्वविद्यालय की जरूरत होती है जावा पायथन या  c++  जैसे प्रोग्रामिंग भाषाओं को सीखना जरूरी होता है।

महत्वपूर्ण कोर्स

  1. बीटेक बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
  2. बीटेक इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
  3. बीटेक इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
  4. बीएससी इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
  5. बीएससी इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
  6. बीसीए बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन
  7. बीएससी बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर साइंस
  8. पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कंप्यूटर साइंस

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट्स

विषय  सब्जेक्ट
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट अप्रोचेजस -इंट्रोडक्शन
-इवॉल्विंग रोल ऑफ सॉफ्टवेयर
-सॉफ्टवेयर कैरेक्टरस्टिक्
-ससॉफ्टवेयर एप्लीकेशन
सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग प्रोसेस -व्हाट इज मेंट बाय सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-डेफिनेशन ऑफ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-द सीरियल एंड लाइनर डेवलपमेंट मॉडल
-इंटरएक्टिव डेवलपमेंट मॉडल
-द इंक्रीमेंटल डेवलपमेंट मॉडल
-द पैरलल एंड कांगरूएंट डेवलपमेंट मॉडल
-हैकिंग
सॉफ्टवेयर रिलायबिलिटी -इंट्रोडक्शन
-सॉफ्टवेयर रिलायबिलिटी मैट्रिक्स
-प्रोग्रामिंग फॉर रिलायबिलिटी
-फॉल्ट अवॉइडेंस
-फॉल्ट टोलरेंस
-सॉफ्टवेयर रयूज़
   
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिजाइन -ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन-ऑब्जेक्ट, ऑब्जेक्ट क्लासेस एंड इन्हेरिटेंस, ऑब्जेक्ट आईडेंटिफिकेशन, वस्तु उन्मुख डिजाइन उदाहरण, ऑब्जेक्ट एग्रीगेशन।
-सर्विस यूजेस
-ऑब्जेक्ट इंटरफेस डिजाइन – डिजाइन विकास
-डेटाफ्लो डिज़ाइन
-स्ट्रक्चर कंपोजिशन
एन असेसमेंट ऑफ प्रोसेस लाइफ साइकिल मॉडल -ओवरव्यू ऑफ द असाइनमेंट ऑफ प्रोसेस
-द डायमेंशन ऑफ टाइम
-द नीड ऑफ बिजनेस मॉडल इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-क्लासिक इनवेलिड अजमसन – फर्स्ट अजमसन इंटरनल और एक्सटर्नल ड्राइवर्स
सेकंड अजमसन – सॉफ्टवेयर और बिजनेस प्रोसेस
थर्ड अजमसन – प्रोसेस और प्रोजेक्ट
फोर्थ आजमसन – प्रोसेस सेंटर्ड और आर्किटेक्ट सेंटर्ड
कॉन्फ़िगरेशन मैनेजमेंट -इंट्रोडक्शन
-चेंज मैनेजमेंट
-वर्जन एंड रिलीज मैनेजमेंट
-वर्जन आईडेंटिफिकेशन
-सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस
-द मेंटेनेंस प्रोसेस
-मेंटेनेंस कॉस्ट
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग टेक्निक -सॉफ्टवेयर टेस्टिंग फाउंड
-टेस्टिंग प्रिंसिपलस
-व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग
-कंट्रोल स्ट्रक्चर टेस्टिंग
-ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग अस्योरेंस -इंट्रोडक्शन
-ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग
-वैलिडेशन टेस्टिंग
-वैलिडेशन टेस्ट क्रिटेरीया
-टेस्ट प्लान टेस्ट स्ट्रेटजीस
-प्रिंसिपल ऑफ टेस्टिंग
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग स्ट्रैटेजिस -इंट्रोडक्शन ऑर्गेनाइजर्स फॉर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
-सॉफ्टवेयर टेस्टिंग स्ट्रेटजी
-यूनिट टेस्टिंग
-टॉप डिजाइन इंटीग्रेशन
-बॉटम अप इंटीग्रेशन
पीपल एंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर -ट्रेडिशनल सॉफ्टवेयर इंजीनियर
-द इंपॉर्टेंस ऑफ पीपल इन प्रॉब्लम सॉल्विंग प्रोसेस
-द पीपल फैक्टर
-द कस्टमर फैक्टर
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी एंड प्रोबलम सॉल्विंग -सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी एंड इनेबलिंग बिजनेस टूल
-द ई बिजनेस रिवॉल्यूशन
केस स्टडी -इंट्रोडक्शन सिस्टम रिक्वायरमेंट्स
-आर्किटेक्चरल अल्टरनेटिव

Software engineer बनने के लिए कौन सी भाषा पढ़नी चाहिए?

इसमें कई प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है जैसे HTML, JAWA, PHP, C/C ++, PYTHON  । एक Software engineer बनने के लिए आपको इन सभी प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।

FAQ

12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने?

12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको कंप्यूटर साइंस या Software engineer में बैचलर डिग्री का कोर्स करना होगा। यह कोर्स आप एक प्रसिद्ध कॉलेज या विश्वविद्यालय में कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए कितने साल की पढ़ाई करनी पड़ती है?

Software engineer में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को पूर्ण करने में लगभग 4 साल का समय लगता है।

Conclusion

हमें आशा है कि आपको 12th ke bad Software Engineer kaise bane के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आप Software engineer का कोर्स पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद आपके पास काम की कोई कमी नहीं होगी। आप प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के संस्थानों में कार्य कर सकते हैं।

अगर कोई उम्मीदवार प्राइवेट सेक्टर में जॉब करना चाहता है तो वह किसी भी प्राइवेट कंपनी, बैंक, स्कूल, कॉलेज, फाइनेंस, डिपार्टमेंट में सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर डिजाइनर, प्रोग्रामर, वेब डिजाइनर इत्यादि के पोस्ट पर कार्य कर सकता है। वहीं सरकारी सेक्टर में बहुत सारे जॉब करने के अवसर मिल जाते हैं। जहां पर वह केंद्र वह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को संस्थानों में कार्य करते हैं।

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